क्या.....
क्या....कभी तुमहरा मन नही कहता......
कि मेरे इतने करीब....आओ,
कि मेरी धडकनों को....
ख़ुद में महसूस कर सको,
कि...मेरी आंखों कि हया को,
चुरा सको......
कि मेरे, तुम्हारी नजरों कि तपिश से सूखे होठो,
को गीला कर सको.....
मेरे हाथों कि हरारत को,
महसूस कर सको......
मेरे गले लग कर ,
अपनी खुशी को दुगना कर सको.....
मुझ में समाकर,
ख़ुद को पा सको.....
क्या.....सच.....तुमहरा मन नही करता........!!!!!!!
very nice mem............
ReplyDeleteand some lines for you.......
Is kadar kemti to na tha mera chain-o- sakon
Loot kar le gaye wo kisi anmol khazane ki tarah
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ReplyDeleteWaah...Waah...bahut khoobsurat...:-)
ReplyDeleteThnxxx...Ekant....:-)