Monday 17 December 2012




तुम बहुत...प्यारी लगती हो....


तुम बहुत...प्यारी लगती हो, दिल कहता है की...प्यार करूँ ,
फिर... सोच के खफा होना तेरा... .लगता है....की कुछ अभी ठहरूं....


अगर तुम यूहीं मुझे उकसाती रहीं, सब्र मेरा आजमाती रहीं....
तो...ये बांध तो.. टूट ही जायेगा, सब कुछ बहा ले जायेगा......

कभी सोचा ना था, तुम यूँ मुझको...एक दिन यूही... मिल जाओगी,
ज़हे - नसीब जो मिली तुम, चाहे ...पल भर को... मिली तुम...
अब...पूछ के ना ... बेक़रार करो, जो देना हो... बस ...साझा करो

वैसे... कभी सोचा...की कब तक साथ रहेंगे ?
आग के इन शोलों से..... कब तक...हम अछूते...रहेंगे...??

अगर तुम यूहीं मुझे उकसाती रहीं,
और...सब्र मेरा आजमाती रहीं....

तो....ये बांध.. टूट ही जायेगा, सब कुछ बहा ले जायेगा...!!!


Dr Udita Tyagi