ज़िन्दगी....
कभी हंस के, तो कभी रो के,
मुझ से मिली ज़िन्दगी....
कभी आंसू....तो कभी हँसी,
ऐसे की इसने दिल्लगी.....
मैं तड़पता रहा,
ये आजमाती रही....
हर एक लम्हा सताती रही....
एक खवाब बन कर,
आँखों में जगमगाती रही....
तो कभी हकीकत बन,
आँखों से टपकती रही........ज़िन्दगी......!!!!!!!!!!!!!
excelent
ReplyDeletebahoot khoob likhti hai.n aap
ReplyDelete