चलो....
तुम को ले कर चलूँ.....
कुछ ऐसी फिजाओं में ...
जहाँ .....
ख्वाबों की धुंध मैं...चाँदनी की चमक घुली हो...
जहाँ....
हवाओं मैं बसी हो....चंदन की महक.....
जहाँ .....
हर तमन्ना कहे...बस एक बार और मचल जाने को....
जहाँ....
दिल चाहें सब कुछ ....वार देने को.....
जहाँ लम्हे थक जायें......
सदियों के लिए....
जहाँ.....
कोई बस जायें ......
आँखों मैं चमक बन के......
चलो....
तुमको ले कर चलूँ .....
the thought of the poem is as beautiful as you!!!!
ReplyDeleteThanx Rushik...
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